...जब सीओ का तबादला रुकवाने को जनता ने कर लिया था डीएम का घेराव
सम्मान समारोह में कमिश्नर को याद आयी बहराइच की घटना
पुलिस टीम को सम्मानित करने को व्यापार मंडल ने आयोजित किया था कार्यक्रम
एटा: बहराइच जिले की एक सर्किल के सीओ का जब शासन ने तबादला कर दिया था, तो वहां की जनता सड़कों पर उतर आई थी। जिले के डीएम और एसएसपी जब जनता को समझाने पहुंचे, तो उनका भी घेराव कर लिया गया। जनता की यही मांग थी कि उनके सीओ का यहां से तबादला न किया जाए। हर किसी की जुबां पर यही था कि इन सीओ के कार्यकाल में उन्हें न्याय के साथ-साथ सम्मान भी मिला है। कमिश्नर सीओ के कार्य की सराहना करते जा रहे थे, वहीं समारोह में मौजूद मंचासीन अतिथि एवं श्रोता उनके मुख से सीओ का नाम सुनने को उत्सुक नजर आ रहे थे। सवाल यही तैर रहा था कि आखिर कमिश्नर साहब! किस सीओ की तारीफ कर रहे हैं।
जब कमिश्नर ने सीओ का नाम लिया, तो पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। जिले के एसएसपी सहित समारोह में मौजूद सभी पुलिस कर्मियों को भी ऐसे अधिकारी के साथ कार्य करने पर गर्व महसूस हुआ। कमिश्नर ने कहा कि वह सीओ कोई और नहीं, कार्यक्रम में मौजूद अलीगंज क्षेत्राधिकारी अजय भदौरिया ही थे।
उ.प्र. उद्योग व्यापार मंडल के तत्वाधान में अलीगंज के एलटीसी गेस्ट हाउस में आयोजित पुलिस सम्मान समारोह में संबोधन के दौरान अलीगढ़ कमिश्नर अजयदीप को बहराइच की यह घटना याद आ गई। उनका कहना था कि सीओ श्री भदौरिया की कार्यप्रणाली हमेशा प्रंशसनीय रही है। कमिश्नर के मुख से अपने अधीनस्थ सीओ की सराहना सुनकर एसएसपी अखिलेश कुमार चौरसिया एवं टीम सदस्यों ने भी स्वयं को गौरवान्वित महसूस किया।
बताते चलें कि सीओ अजय भदौरिया पूर्ववर्ती सपा सरकार में बहराइच की नानपारा सर्किल में बतौर सीओ तैनात थे, जबकि अलीगढ़ कमिश्नर अजयदीप वहां के जिलाधिकारी थे। वहां का एक सफेदपोश सत्ता के दवाब में सीओ से कोई विधि विरूद्ध कार्य कराना चाह रहा था, जिसको करने से उन्होंने मना कर दिया। सफेदपोश को सीओ की 'ना' नागवार गुजरी, तो उसने अपने रसूख के बल पर सीओ का जिले से तबादला करवा दिया था। इस बीच विधानसभा चुनाव 2017 का बिगुल बज गया और चुनाव आयोग ने सीओ के तबादले पर रोक लगा दी। चुनाव बाद जब शासन ने सीओ को रिलीव किया गया, तो वहां की जनता सड़कों पर उतर आई थी।
उल्लेखनीय है कि अलीगंज सर्किल क्षेत्र में व्यापारी से हुई 30 लाख की लूट के खुलासे में भी सीओ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। एसएसपी अखिलेश कुमार चौरसिया ने सीओ के साथ- साथ कोतवाली इंस्पेक्टर जैथरा इंद्रेशपाल सिंह, अलीगंज इंस्पेक्टर पीके कुरील, स्वाट टीम प्रभारी सतपाल भाटी, इंस्पेक्टर शेरसिंह सहित सर्विलांस टीम को लूट के खुलासे में लगाया था। पुलिस ने इस लूट को एक चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए जाल बिछाया था। एसएसपी स्वयं इस मामले पल-पल मॉनिटरिंग कर रहे थे। अलीगंज में मीडिया की सक्रियता की वजह से उन्होंने अपना कैम्प कार्यालय जैथरा में बनाया था। एसएसपी के कैरियर की यह सबसे बड़ी लूट की घटना थी। सम्मान समारोह में एसएसपी ने इसका उल्लेख किया।
पुलिस टीम ने बहुत जल्द ही आरोपियों को लूट की रकम के जसाथ गिरफ्तार कर लिया था। टीम ने आरोपियों से 45 लाख 50 हजार की रकम बरामद की थी,जबकि रिपोर्ट 30 लाख रुपये लूटने की दर्ज कराई गई थी। लूट की वास्तविक रकम बरामद कर पुलिस ने जनता का विश्वास जीत लिया। एसएसपी के नेतृत्व क्षमता की कमिश्नर व डीएम ने भी सराहना की।
जब कमिश्नर ने सीओ का नाम लिया, तो पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। जिले के एसएसपी सहित समारोह में मौजूद सभी पुलिस कर्मियों को भी ऐसे अधिकारी के साथ कार्य करने पर गर्व महसूस हुआ। कमिश्नर ने कहा कि वह सीओ कोई और नहीं, कार्यक्रम में मौजूद अलीगंज क्षेत्राधिकारी अजय भदौरिया ही थे।
उ.प्र. उद्योग व्यापार मंडल के तत्वाधान में अलीगंज के एलटीसी गेस्ट हाउस में आयोजित पुलिस सम्मान समारोह में संबोधन के दौरान अलीगढ़ कमिश्नर अजयदीप को बहराइच की यह घटना याद आ गई। उनका कहना था कि सीओ श्री भदौरिया की कार्यप्रणाली हमेशा प्रंशसनीय रही है। कमिश्नर के मुख से अपने अधीनस्थ सीओ की सराहना सुनकर एसएसपी अखिलेश कुमार चौरसिया एवं टीम सदस्यों ने भी स्वयं को गौरवान्वित महसूस किया।
बताते चलें कि सीओ अजय भदौरिया पूर्ववर्ती सपा सरकार में बहराइच की नानपारा सर्किल में बतौर सीओ तैनात थे, जबकि अलीगढ़ कमिश्नर अजयदीप वहां के जिलाधिकारी थे। वहां का एक सफेदपोश सत्ता के दवाब में सीओ से कोई विधि विरूद्ध कार्य कराना चाह रहा था, जिसको करने से उन्होंने मना कर दिया। सफेदपोश को सीओ की 'ना' नागवार गुजरी, तो उसने अपने रसूख के बल पर सीओ का जिले से तबादला करवा दिया था। इस बीच विधानसभा चुनाव 2017 का बिगुल बज गया और चुनाव आयोग ने सीओ के तबादले पर रोक लगा दी। चुनाव बाद जब शासन ने सीओ को रिलीव किया गया, तो वहां की जनता सड़कों पर उतर आई थी।
उल्लेखनीय है कि अलीगंज सर्किल क्षेत्र में व्यापारी से हुई 30 लाख की लूट के खुलासे में भी सीओ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। एसएसपी अखिलेश कुमार चौरसिया ने सीओ के साथ- साथ कोतवाली इंस्पेक्टर जैथरा इंद्रेशपाल सिंह, अलीगंज इंस्पेक्टर पीके कुरील, स्वाट टीम प्रभारी सतपाल भाटी, इंस्पेक्टर शेरसिंह सहित सर्विलांस टीम को लूट के खुलासे में लगाया था। पुलिस ने इस लूट को एक चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए जाल बिछाया था। एसएसपी स्वयं इस मामले पल-पल मॉनिटरिंग कर रहे थे। अलीगंज में मीडिया की सक्रियता की वजह से उन्होंने अपना कैम्प कार्यालय जैथरा में बनाया था। एसएसपी के कैरियर की यह सबसे बड़ी लूट की घटना थी। सम्मान समारोह में एसएसपी ने इसका उल्लेख किया।
पुलिस टीम ने बहुत जल्द ही आरोपियों को लूट की रकम के जसाथ गिरफ्तार कर लिया था। टीम ने आरोपियों से 45 लाख 50 हजार की रकम बरामद की थी,जबकि रिपोर्ट 30 लाख रुपये लूटने की दर्ज कराई गई थी। लूट की वास्तविक रकम बरामद कर पुलिस ने जनता का विश्वास जीत लिया। एसएसपी के नेतृत्व क्षमता की कमिश्नर व डीएम ने भी सराहना की।
रिपोर्ट- सुनील कुमार
मो.- 9411848839
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