11 फरवरी से नई राजस्व संहिता लागू, किसानों को नहीं लगाने होंगे कोर्ट के चक्कर
लखनऊ-
अखिलेश सरकार ने यूपी में किसानों और ग्रामीणों को बड़ी राहत देते हुए 11 फरवरी से नई राजस्व संहिता 2016 लागू करने का एलान किया है। अब 1901 का भू राजस्व अधिनियम खत्म कर दिया जाएगा। ऐसे में किसानों को कोर्ट के ज्यादा चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
नई राजस्व संहिता से और क्या होगा?
- राजस्व विभाग की 234 धाराओं और 16 अध्यायों में संशोधन कर राजस्व से संबंधित नियमों की कठिनाइयों को आसान किया गया है।
- नई राजस्व संहिता के तहत अब राजस्व कोर्ट में नए दायर होने वाले केसों की सुनवाई की जाएगी।
- संशोधित राजस्व संहिता प्रभावी होने के बाद कोई अशक्त व्यक्ति अपनी कृषि भूमि का दूसरे के नाम पट्टा भी कर सकता है।
- ठियाबंदी के बाद लगाए सुरक्षा चिन्हों की रखवाली और उनकी हिफाजत करना भूमि स्वामी की ही जिम्मेदारी होगी।
- हदबंदी और आपसी बंटवारे के लिए अब तहसील स्तरीय कोर्ट के ज्यादा चक्कर नहीं लगाने होंगे।
- न ही लंबे समय तक अंतिम आदेश जारी होने का इंतजार करना होगा।
- कोर्ट में ऐसे मामलों का राजस्व कोर्ट द्वारा जल्द से जल्द निस्तारण किया जाएगा।
- इसके अलावा निजी भूमि की पैमाइश कराना भी आसान हो जाएगा।
- कोई भी भूमिधर एक हजार रुपए जमा कर अपनी भूमि की पैमाइश करा सकेगा।
दलित किसी को भी बेच सकेंगे जमीन
- नई राजस्व नियम के तहत दलित किसी को भी अपनी जमीन बेच सकेंगे।
- हालांकि, इसके लिए तीन शर्तें सरकार द्वारा लागू की गई हैं।
- पहली शर्त- जमीन बेचने वाला दूसरी जगह बस गया हो, दूसरी शर्त- वह किसी जानलेवा रोग से पीड़ित हो, तीसरी शर्त- कोई उसका उत्तराधिकारी न हो।
अखिलेश यादव ने क्या-क्या कहा?
- अपने आवास पर राजस्व संहिता पुस्तक का विमोचन करते हुए उन्होंने कहा, हम नेताजी का शुरू किया हुआ काम पूरा कर रहे हैं।
- बुंदेलखंड के किसानों को राहत दी जा रही है।
- इस साल को हम किसान वर्ष के रूप में मना रहे हैं।
- दो लोगों के लिए काम करना जरूरी है- किसान और नौजवान।
- हम नौजवानों को सरकारी नौकरी दे रहे हैं।
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